प्याले प्याले का मतलब क्या मयखाने से है !
हर खोने बाले का मतलब क्या दीवाने से है !
क्यों जीना छोड़ रहे है,
सब से नाता तोड़ रहे है !
बो रूठ रहे हैं....
ममता को ही लूट रहे हैं...!
रूठ गई गर लैला प्यारी,
उसका मातम क्या मरजाने में है !
ऐसी करनी इस धरणी पर किस पैमाने से है !......
प्याले प्याले का..........................
हर खोने बाले का मतलब क्या दीवाने से है !
क्यों जीना छोड़ रहे है,
सब से नाता तोड़ रहे है !
बो रूठ रहे हैं....
ममता को ही लूट रहे हैं...!
रूठ गई गर लैला प्यारी,
उसका मातम क्या मरजाने में है !
ऐसी करनी इस धरणी पर किस पैमाने से है !......
प्याले प्याले का..........................
sunder rachna, shubkamnaye
ReplyDeleteबहुत उत्कृष्ट अभिव्यक्ति.हार्दिक बधाई और शुभकामनायें!
ReplyDeleteकभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |
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बहुत सुंदर कृति ।
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